सोमवार, 18 मार्च 2013


मधुमासी इतिहास


हाय ! कौन आकर्षण में
बींध रहा है ...मन आज |
नयन ही नयनों से
खेलन लगे हैं रास ||

घायल हुआ मन...अनंग
तीक्ष्ण वाणों से आज  |
टूट गए बन्धन ...लाज
गुंफन के सब फांस ||

करने लगे..... झंकृत...
मधुर श्वासों को सुर ताल |
होने लगे मधुराग
गुंजित..... अनायास ||

करने लगे अठखेलियाँ-
यक्ष - यक्षिणी आज |
रचने लगे तप्त अधरों से -
गीत बुन्देली.....कुछ ख़ास ||

सिमटने लगे तम की चादर में
पर्व आलिंगनों के अपार |
विस्मृत तन-मन हुए... आत्मा -
-अविभूत अद्भुत हास विन्यास ||

सो गया फिर....वह कुशल गन्धर्व !
क्षन - उसी - वीणा के पास |
अमर हो गया वह...स्वर्णिम
भीगा -भीगा सा मधुमासी इतिहास ||

---------------अलका गुप्ता ---------------

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

मधुमासी इतिहास

कैप्शन जोड़ें
हाय ! कौन आकर्षण में
बींध रहा है ...मन आज |
नयन ही नयनों से
खेलन लगे हैं रास ||

घायल हुआ मन...अनंग
तीक्ष्ण वाणों से आज  |
टूट गए बन्धन ...लाज
गुंफन के सब फांस ||

करने लगे..... झंकृत...
मधुर श्वासों को सुर ताल |
होने लगे मधुराग
गुंजित..... अनायास ||

करने लगे अठखेलियाँ-
यक्ष - यक्षिणी आज |
रच लगे तप्त अधरों से -
गीत बुन्देली.....कुछ ख़ास ||

सिमटने लगे तम की चादर में
पर्व आलिंगनों के अपार |
विस्मृत तन-मन हुए... आत्मा -
-अविभूत अद्भुत हास विन्यास ||

सो गया फिर....वह कुशल गन्धर्व !
क्षन - उसी - वीणा के पास |
अमर हो गया वह...स्वर्णिम
भीगा -भीगा सा मधुमासी इतिहास ||

---------------अलका गुप्ता ---------------