हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
गुरुवार, 5 सितंबर 2013
घायल मन अनंग .. नयनन हिं सों .. खेलन लगे रास | मुक्त हुए तीक्ष्ण वाणों से बंधन ये .. लाज गुंफन फांस | रचने लगे तप्त अधरों से यक्ष-यक्षिणी गीत बुन्देली राग .. अमर हुए पर्व वो..आलिंगन विस्मृति से भीगे इतिहास ||
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