हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
मंगलवार, 31 दिसंबर 2013
तस्वीर कुछ कहती है ..........
खाने की है आरजू..आज भी ...पेट भर | देख लेता हूँ दूर से ही खिलौने आँख भर | बंदिशे मुफिलिसी की उठाने भी नहीं देतीं ... बोझ किताबों और खिलौने का ..काँधे पर ||
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