हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
रविवार, 22 दिसंबर 2013
ये हमारा दिल है... कोई... खेल खिलौना नहीं | चाहा..जब खेल लिया ...या कोई तवज्जो नहीं | हाड़ मांस का पुतला हूँ...दिल भी है.. धड़कता .. इच्छाएं हैं उमंगें भी.. इतना भी..तू..जाने नहीं ||
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