डरो बेशक ..मगर उसके
सम्मान के हरण में ...
करो ना सम्मान बेशक ..
एक इंसान तो समझो |
वरना हर पल वह ...
अपने होने से ...
देती सबको ही...
सुकून है |
व्यक्तित्व है वह भी...एक
जीवन में उसके भी...
होते हैंअरमान...अनेक |
माँ बेटी बहन पत्नी !
तमाम रिश्तों में ही वह ....
बता दो !...किस पल
साथ नहीं सबके ...
वह होती है |
रहस्यमयी वह हरगिज नहीं !
बस जिज्ञासाओं की...
नियत तेरी !...
हद से पार ...
झिंझोड़ने की होती है !
वरना वह तो ...
स्नेह प्यार दुलार ...
और त्याग की...
मूरत होती है |
पहले सबसे माँ सी ...
उसकी सूरत होती है ||
-------------अलका गुप्ता ---------------
सम्मान के हरण में ...
करो ना सम्मान बेशक ..
एक इंसान तो समझो |
वरना हर पल वह ...
अपने होने से ...
देती सबको ही...
सुकून है |
व्यक्तित्व है वह भी...एक
जीवन में उसके भी...
होते हैंअरमान...अनेक |
माँ बेटी बहन पत्नी !
तमाम रिश्तों में ही वह ....
बता दो !...किस पल
साथ नहीं सबके ...
वह होती है |
रहस्यमयी वह हरगिज नहीं !
बस जिज्ञासाओं की...
नियत तेरी !...
हद से पार ...
झिंझोड़ने की होती है !
वरना वह तो ...
स्नेह प्यार दुलार ...
और त्याग की...
मूरत होती है |
पहले सबसे माँ सी ...
उसकी सूरत होती है ||
-------------अलका गुप्ता ---------------
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