गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

डरो बेशक ..मगर उसके 
सम्मान के हरण में ...
करो ना सम्मान बेशक ..
एक इंसान तो समझो |

वरना हर पल वह ...
अपने होने से ...
देती सबको ही...
सुकून है |

व्यक्तित्व है वह भी...एक
जीवन में उसके भी...
होते हैंअरमान...अनेक |

माँ बेटी बहन पत्नी !
तमाम रिश्तों में ही वह ....
बता दो !...किस पल
साथ नहीं सबके ...
वह होती है |

रहस्यमयी वह हरगिज नहीं !
बस जिज्ञासाओं की...
नियत तेरी !...
हद से पार ...
झिंझोड़ने की होती है !

वरना वह तो ...
स्नेह प्यार दुलार ...
और त्याग की...
मूरत होती है |
पहले सबसे माँ सी ...
उसकी सूरत होती है ||

-------------अलका गुप्ता ---------------

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