हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
सोमवार, 17 अगस्त 2015
चंद हाईकू -
बढ़ा तू हाथ ! भूल सारे विषाद ! पीछे से हँसी !
नन्हीं सी ख़ुशी ! हँसेगा सारा जहाँ ! तेरे साथ ही !
जिन्दगी तेरी ! बिताना क्या गमों में ! ढूंढ ले खुशी !
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