अलका भारती

हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.

बुधवार, 18 नवंबर 2015

परिवर्तन

पल-पल..देखा..परिवर्तन होता है |
है जो आज..कल कहीं न होता है |
नियम सृष्टि है एक यही निरंतर..
बंधा...जड़-चेतन...प्रान होता है ||

-----------अलका 
गुप्ता-----------

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लेबल: जड़, परिवर्तन, पल, प्रान, होता है ||
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