वांचती सम्वेदनाएँ जो ...
बाँट देती सहेज कर वो ||
काहे का भय है काले विषधर नाग से|
डर है दिल काले जिन कपड़े झाग से |
डसलें स्वार्थी जो ..वतन की आन को ..
दुष्कर्मों से खेलें ...निर्दोषों के भाग से ||
--------------अलका गुप्ता----------------
डर है दिल काले जिन कपड़े झाग से |
डसलें स्वार्थी जो ..वतन की आन को ..
दुष्कर्मों से खेलें ...निर्दोषों के भाग से ||
--------------अलका गुप्ता----------------
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