हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
बुधवार, 17 दिसंबर 2014
अलका भारती: इंसानियत के कातिल
अलका भारती: इंसानियत के कातिल: घात ये इन्सानियत के कातिलों के | रिसते रहंगे घाव घातक घायलों के | दहलें दिल दहशते दारुण आघात से.. धर्म है पीना लहू लाल-लाल लालों ...
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