बुधवार, 20 फ़रवरी 2013

हौसलों की उड़ान थी...मासूम सी कल्पनाओं में । 
कत्ल हो गए अरमान हिंसक इन वियावानों में । 
हँसती रहीं खुदगर्ज ऐय्याशियां स्याह नकाबों में । 
दुनिया वीभत्स इतनी हरगिज न थी उस सोच में। 

----------------अलका गुप्ता --------------------alkabharti1962@yahoo.com

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