गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

............ताली .............

सन्मार्ग के हम ...पथिक हों |
प्रेम पथ का सदा विस्तार हो |
हों ..छल कपट से दूर सभी ..
कुंजी..सत्कर्म भी ..साथ हो ||

संस्कार का..न कभी ..भी ह्रास हो |
सम्मान में दूजे के भी ....मान हो |
भ्रष्ट ना कोई भी... यहाँ इंसान हो |
उत्कृष्ट चाभी ..सदा यही.. साथ हो ||

कदमों का ..बढ़ते हुए सब साथ हो |
निज स्वार्थ कर्म का ..परित्याग हो |
सत्कर्म और कर्तव्य में सौभाग्य हो |
मिलाएं हाथ इस ताली से विस्तार हो ||

-----------------अलका गुप्ता ---------------

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