हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
सोमवार, 24 दिसंबर 2012
माँ
सृष्टि का वरदान !प्रथम तू ही है....मेरी माँ ! इस सृष्टि से पहले,तुझे ही जाना है मेरी माँ ! प्रथम तेरे स्वार्थ की अंतिम चाह भी...मैं हूँ | हर दर्द...हर आह के साथ याद आती है माँ !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें