हमारे ब्लॉग में जीवन और सामाजिक मुद्दों पर मेरे कुछ प्रेरक उदगार है मुझे पूरा विश्वास है कि वह आपको भी अपने अंदाज में अवश्य छू पाएंगे, क्योंकि यदि आप सहृदय हैं.तब वह आपकी भी अनुभूतियाँ अवश्य ही हैं.
मंगलवार, 25 दिसंबर 2012
घोंसला
घोंसला बनाया था ...तिनके-तिनके जोड़ कर | सेहे थे पाले थे अंडे.. बहुत प्यार से सहेज कर | तोड़ दी आस सारी हिंसक एक दानव ने आकर | गौरैया मैं नन्हीं हूँ हाय ! बचालो उन्हें दया कर || -------------------अलका गुप्ता -------------------
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